कुछ नहीं बस इस खुबसूरत दुनिया में सांसों के लेने की शुरुआत से , इन सांसों के बंद होने तक जीवन में घटते रह रहे कुछ पल और म्न में उठते विचारों शब्दों के गुलदस्ते में सजाने की कोशिश में .......
बुधवार, 21 अक्टूबर 2015
एक बाद याद रखना दोस्तों ढूंढने से वही मिलते हैं जो खो गये हैं, वो नही जो बदल गये हैं।
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