कुछ नहीं बस इस खुबसूरत दुनिया में सांसों के लेने की शुरुआत से , इन सांसों के बंद होने तक जीवन में घटते रह रहे कुछ पल और म्न में उठते विचारों शब्दों के गुलदस्ते में सजाने की कोशिश में .......
मंगलवार, 20 अक्टूबर 2015
क्रोध
क्रोध एक ऐसा तेजाब है,जो जिस चीज पे डाला जाता है, उससे ज्यादा उस पात्र को नुकसान पहुँचता है जिसमे वो रखा है।
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